06
Aug
अब संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए रजिस्ट्रार आफिस जाने की जरूरत नहीं…प्रदेश के सभी प्राधिकरणों, आवास विकास सहित् संपत्ति का लेनदेन करने वाले विभागों में ई रजिस्ट्री को मंजूरी दे दी… ये शुरुआत करने वाला उत्तर प्रदेश देश का दूसरा राज्य बन गया… अभी तक ई रजिस्ट्री की सुविधा केवल महाराष्ट्र में ही थी… उत्तर प्रदेश में सालाना लगभग 40 लाख रजिस्ट्री होती हैं…जिसमें एक बड़ी संख्या सरकारी विभागों से जुड़ी संपत्ति की है… प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी…. अब अलाटमेंट पत्र जारी होने के बाद विभाग में ही प्राधिकृत…