09 अगस्त 1945 में जापान के नागासाकी शहर पर परमाणु बॉम्ब विस्फोट के बाद का लिया गया था।
इस फोटोग्राफ में लगभग 12 वर्ष का बालक अपनी पीठ पर उसके मृत भाई को पट्टे से अपनी पीठ पर बांधकर श्मशान गृह में अपनी बारी का इंतजार करता दिख रहा है। एक सैनिक ने उसे देख कहा कि वह इस मृत बालक को नीचे रख दे ताकि वह थक न जाए।
बालक ने उत्तर दिया कि ये मेरा भाई है भार नहीं है। सैनिक को समझ में आ गया कि वह भार नहीं भाई है।
उसके बाद से यह फोटोग्राफ जापान में एकता का प्रतीक बन गया है। यह भार नहीं मेरा भाई है......मेरी बहन है। जो गिर जाए उसे खड़ा करो(उसे उठाओ) जो कमजोर है उसे सहारा दो। और जो भूल करे उसे क्षमा करो क्योंकि ये *भार नहीं भाई है.....बहन है। जिसे दुनिया छोड़ दे उसे अपनी पीठ पर ले लो। जिस देश के नागरिकों की ऐसी भावना हो उस राष्ट्र को फलने फूलने से कौन रोक सकता है।